FD Scheme vs Gold: क्या आप भी FD और गोल्ड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर हां, तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि इन दोनों में से कौन-सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर हो सकता है। साथ ही, FD से होने वाली कमाई पर मिलने वाली इनकम टैक्स छूट का फ़ायदा भी आपको मिल सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको FD और गोल्ड में निवेश के फ़ायदे, नुकसान और टैक्स बचत के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
अगर आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ेंगे, तो आपको FD और गोल्ड से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। हमने इसे आसान भाषा में लिखा है ताकि आप बिना किसी परेशानी के सब कुछ समझ सकें। तो चलिए, शुरू करते हैं!
FD और गोल्ड में निवेश: कौन-सा ऑप्शन बेहतर?
FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) और गोल्ड दोनों ही निवेश के पॉपुलर ऑप्शन हैं, लेकिन इनमें से किसी एक को चुनने से पहले आपको इनकी खासियतें समझनी चाहिए। FD बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोली जाने वाली एक सुरक्षित निवेश योजना है, जबकि गोल्ड एक फिजिकल एसेट है जिसकी कीमत समय के साथ बदलती रहती है।
FD के फ़ायदे और नुकसान
- फिक्स्ड रिटर्न: FD पर आपको पहले से तय ब्याज दर मिलती है, जिससे आपकी आमदनी सुनिश्चित हो जाती है।
- सुरक्षा: FD में निवेश करना काफी सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें जोखिम कम होता है।
- टैक्स बचत: 5 साल की FD पर आपको इनकम टैक्स में छूट का फ़ायदा मिल सकता है (सेक्शन 80C के तहत)।
- नुकसान: FD पर मिलने वाला रिटर्न इन्फ्लेशन को मात देने में कई बार कामयाब नहीं हो पाता।
गोल्ड के फ़ायदे और नुकसान
- लॉन्ग-टर्म ग्रोथ: गोल्ड की कीमत समय के साथ बढ़ती है, जिससे आपको लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
- इमरजेंसी फंड: गोल्ड को जरूरत पड़ने पर आसानी से बेचकर पैसे निकाले जा सकते हैं।
- नुकसान: गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है, जिससे शॉर्ट टर्म में नुकसान हो सकता है।
- स्टोरेज चैलेंज: फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए आपको अलग से इंतजाम करना पड़ सकता है।
FD पर इनकम टैक्स छूट का फ़ायदा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 5 साल की FD (टैक्स सेविंग FD) पर आप सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स में छूट का फ़ायदा उठा सकते हैं। इसके तहत आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं। हालांकि, FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है, जिसे आपकी टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाता है।
गोल्ड पर टैक्स नियम
गोल्ड से होने वाली कमाई पर भी टैक्स लगता है। अगर आप 3 साल से कम समय के लिए गोल्ड रखते हैं और फिर बेचते हैं, तो आपको शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स देना होगा। वहीं, अगर आप 3 साल से ज्यादा समय तक गोल्ड होल्ड करते हैं, तो लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगेगा, जो कि 20% होता है (इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ)।
FD या गोल्ड: आपके लिए क्या बेहतर?
अगर आप सुरक्षित निवेश चाहते हैं और नियमित आमदनी की जरूरत है, तो FD आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है। वहीं, अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और इन्फ्लेशन को मात देना चाहते हैं, तो गोल्ड में निवेश करना समझदारी होगी।
कुछ जरूरी बातें
- FD और गोल्ड दोनों में निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं।
- अगर आप टैक्स बचत चाहते हैं, तो टैक्स सेविंग FD का ऑप्शन चुन सकते हैं।
- गोल्ड में निवेश करने के लिए आप गोल्ड ETF या सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स का भी विकल्प चुन सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में FD और गोल्ड दोनों ही निवेश के पसंदीदा ऑप्शन हैं। आप अपनी जरूरत और जोखिम उठाने की क्षमता के हिसाब से इनमें से किसी एक या दोनों में निवेश कर सकते हैं।